धरोहर

एक किसान के दो पुत्र थे दोनों मे बचपन से ही बहुत प्यार था । जोकि समय के साथ और बढ़ता गया । दोनों जवान हुए । बड़े की व्यापार मे रुचि थी  छोटे की खेती मे । बड़े का भाग्य ने बहुत साथ दिया कुछ ही दिनों मे वो बहुत धनवान हो गया । छोटा खेती मे उतना तो न कमा पाता था पर था, वो भी खाता पीता सम्पन्न । दोनों की आर्थिक स्थिति मे फर्क के बावजूद दोनों मे प्यार न केवल बरकरार था बल्कि बढ़ता जाता था । दोनों का विवाह हुआ और संयोगवश दोनों के ही दो दो बेटे भी हुए । दोनों परिवारों मे भी बेहद प्रेम था ।

कहानी संग्रह “भेद भरी…” से