‘Not only entertaining but also strongly insightful and contemplative’
-Padmshri (Dr) Giriraj Kishore
‘मनोरंजक ही नहीं, व्यावहारिक गहन चिन्तनशीलता भी ‘
-पद्मश्री (डा) गिरिराज किशोर
हैं !!इतनी रात मे दरवाजे के पीछे ये रोशनी कैसी?
एक मुलाकात अकेला अँग्रेज़ से
,
सारे के सारे ‘झूठे नाते’हैं
दरअसल कोई किसी का होता नहीं
डॉ प्रदीप सिन्हा की अदालत