दिन का करीब 10 बजे का समय होगा । गुरुकुल मे गुरुदेव ने अभी अभी अपनी कक्षा सम्पन्न की है । छात्र एक एक कर उठने और गुरुदेव को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद ले अपने लिए पूर्व निर्धारित गुरुकुल के दैनिक कार्यों पर जाने लगे । प्रत्येक दिन की भाँति गुरुदेव ने आँखें बंद कर लीं और ध्यान मुद्रा मे सबको समान रूप से आशीर्वाद देने लगे । थोड़ी ही देर मे कुटिया मे शांति छा गयी परन्तु गुरुदेव ने अनुभव किया कि अभी भी कुटिया मे कोई है । उन्होंने नेत्र खोले तो देखा दो छात्र रणवीर सिंह और नत्थी लाल सर झुकाये विनीत भाव से अभी भी वहीं खड़े…
कहानी संग्रह “भेद भरी…” से