Category Archives: Hindi Short Story

दुश्मन दोस्त

एक कस्बे मे विवेक और हरीश नाम के दो व्यक्ति रहते थे । विवेक किसान था और हरीश नगरपालिका मे बाबू । दोनों के मकान अगल बगल थे । दोनों मे अच्छी दोस्ती थी । शाम को जब हरीश दफ्तर से आता तो दोनों दोस्त, विवेक के खेतों पर सैर को जाते थे । विवेक के मकान के दूसरी ओर पवन नाम का किसान रहता था । विवेक और पवन के मकान भी एक दूसरे से जुड़े हुए थे पर दोनों परिवारों मे छोटी छोटी घरेलू बातों को ले कर आए दिन झगड़ा होता रहता था । इन झगड़ों मे सुगठित शरीर वाले बलिष्ठ पवन के सामने, सामान्य स्वास्थ्य वाले विवेक का पलड़ा कमजोर रहता था । परन्तु ऐसे मौकों पर हरीश उसका साथ देता था, इसलिए झगड़े विकराल रूप तो नहीं लेते थे परंतु मनमुटाव बना रहता था ।

कहानी संग्रह “भेद भरी…” से

दंड की अनिवार्यता

एक शहर मे धर्मदेव नाम के एक अत्यंत धार्मिक, सज्जन धनी व्यक्ति रहते थे । उनका शहर मे काफी प्रभाव और मान था । लोग आदर से उन्हें धर्मदेव जी कहते और उनकी प्रशंसा करते न थकते थे । उसी शहर मे एक दूसरा हीरालाल नाम का धूर्त चालाक धनी भी रहता था । दोनों एक दूसरे के परिचित थे और एक दूसरे के घर आना जाना भी था । सज्जन व्यक्ति के नाम और मान को देख चालाक व्यक्ति के मन मे भी उनके जैसा बनने की लालसा ज़ोर मारती थी । परन्तु इसके हेतु वो कोई वास्तविक परिश्रम करने के बजाए केवल हर काम मे धर्मदेव जी की नकल करता रहता था । हीरालाल को हरदम घेरे रहने वाले, उसके चाटुकार मित्र ये बात जानते थे और अपने मनोरंजन और उसकी खिल्ली उड़ाने की नियत से हरदम उसके सामने धर्मदेव जी की तारीफ करते रहते थे कि देखो वो कितने मशहूर है, उनका कितना प्रभाव है, वगैरह वगैरह ।

कहानी संग्रह “भेद भरी…” से

धरोहर

एक किसान के दो पुत्र थे दोनों मे बचपन से ही बहुत प्यार था । जोकि समय के साथ और बढ़ता गया । दोनों जवान हुए । बड़े की व्यापार मे रुचि थी  छोटे की खेती मे । बड़े का भाग्य ने बहुत साथ दिया कुछ ही दिनों मे वो बहुत धनवान हो गया । छोटा खेती मे उतना तो न कमा पाता था पर था, वो भी खाता पीता सम्पन्न । दोनों की आर्थिक स्थिति मे फर्क के बावजूद दोनों मे प्यार न केवल बरकरार था बल्कि बढ़ता जाता था । दोनों का विवाह हुआ और संयोगवश दोनों के ही दो दो बेटे भी हुए । दोनों परिवारों मे भी बेहद प्रेम था ।

कहानी संग्रह “भेद भरी…” से